हिन्दी काव्य संग्रह

ऐसे सास को बदनाम ना करोवो बहुत बड़ा दिल रखती हैजीवन की जमा पूंजी सब दे देती हैसौप देती जो कभी उनका थाजिस घर की मालकिन थी… तुम्हारे आने पर वो थाल सजाले तेरे हाथों के निशान,तेरी आरती उतारघर की चाबी भी सौप देती हैं.. अपना सब देकर,नजर तो रखेंगीतुझे आजमाने के लिएतेरी परीक्षा भी …

“सास” भी एक मां ही है Read More »

बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है.. एक लड़की जब शादी कर औरत बन जाती है.. अपनों से नाता तोड़कर किसी गैर को अपनाती है.. अपनी ख्वाहिशों को जलाकर किसी और के सपने सजाती है.. सुबह सवेरे जागकर सबके लिए चाय बनाती है..नहा धोकर फिर सबके लिए नाश्ता बनाती है.. पति को …

औरत का सफर Read More »

कभी जो आये मन में कोईबात उसे कहना ज़रूर न करना वक्त का इंतज़ार न होना मगरूर। जब पिता का किया कुछ दिल को छू जाये तो जाकर गले उनके लगना ज़रूर।कभी जो आये मन में कोई बात उसे कहना ज़रूर बनाये जब माँ कुछ तुम्हारे मन काकांपते हाथों को चूम लेना ज़रूर।कभी जो आये …

कहना ज़रूर Read More »

मैं उम्र बताना नहीं चाहती हूँ, जब भी यह सवाल कोई पूछता है,मैं सोच में पड़ जाती हूँ, बात यह नहीं, कि मैं,उम्र बताना नहीं चाहती हूँ,बात तो यह है, की,मैं हर उम्र के पड़ाव को,फिर से जीना चाहती हूँ,इसलिए जबाब नहीं दे पाती हूँ, मेरे हिसाब से तो उम्र,बस एक संख्या ही है, जब …

उम्र Read More »

तीन पहर तो बीत गये,बस एक पहर ही बाकी है।जीवन हाथों से फिसल गया,बस खाली मुट्ठी बाकी है।सब कुछ पाया इस जीवन में,फिर भी इच्छाएं बाकी हैं।दुनिया से हमने क्या पाया,यह लेखा जोखा बहुत हुआ,इस जग ने हमसे क्या पाया,बस यह गणनाएं बाकी हैं।तीन पहर तो बीत गये,बस एक पहर ही बाकी है।जीवन हाथों से …

तीन पहर Read More »

एक शब्द है ईश्वर, इसे पुकार कर तो देखो, सब कुछ पा ना लो तो कहना | एक शब्द है मुकद्दरइससे लड़कर देखो, हार ना जाओ तो कहना | एक शब्द है मोहब्बत इसे कर के देखो, तड़प ना जाओ तो कहना एक शब्द है वफाजमाने में न मिलती, कहीं ढूंढ़ पाओ तो कहना | …

एक शब्द Read More »

एक जमाना था – तन ढकने को कपड़े न थे,फिर भी लोग तन ढ़कने का प्रयास करते थे ।आज कपड़ों के भंडार हैं, फिर भी तन दिखाने का प्रयास करते हैं*हम सभ्य जो हो रहे हैं ।* एक जमाना था, आवागमन के साधन कम थे।फिर भी लोग परिजनों से मिला करते थे।आज आवागमन के साधनों …

वाह री सभ्यता ! Read More »

हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,हर चहरे मे कुछ तो एह्साह है! आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,क्या करे हमारी पसंद ही कुछ “ख़ास” है! चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,तो चाँद की चाहत किसे होती! कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती! कभी किसी से …

एह्साह Read More »

वाह रे जिंदगीदौलत की भूख ऐसी लगी की कमाने निकल गए ओर जब दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए बच्चो के साथ रहने की फुरसत ना मिल सकी ओर जब फुरसत मिली तो बच्चे कमाने निकल गए वाह रे जिंदगीजिंदगी की आधी उम्र तक पैसा कमायापैसा कमाने में इस शरीर को खराब किया …

वाह रे जिंदगी Read More »

तुम मिले तो खिले गुलाब खिज़ाओं में,माँगा था तुम्हे हमने दिन रात अपनी दुआओं में,चाहत है तुम्हारी,करते हैं तुम्हारी पूजा,मूरत बनके बसे हो तुम मेरी सूनी निगाहों में,रहता है हर दम दिल को ख्याल तुम्हारा,खुशबू से बसे हो तुम साँसों कि फिजाओं में,लबों पर नाम तुम्हारा,धडकनों को आरज़ू तुम्हारी,तेरी महक ही रची-बसी है अब इन …

तुम….. Read More »