कुछ कहानियाँ

माता यशोदा और बालकृष्ण से जुड़ा किस्सा है। एक बार यशोदा कृष्ण के लिए माखन तैयार कर रही थीं। उसी समय कृष्ण को भूख लगी तो वे रोने लगे। वे धैर्य नहीं रख पाए। उन्होंने दही का मटका फोड़ दिया और अंदर जाकर बासी माखन खा लिया। फूटा मटका देखकर माता यशोदा गुस्सा हो गईं …

परिश्रम और ईमानदारी वो दो अंगुल हैं, जिनसे भगवान बंध जाते हैं Read More »

स्वामी रामतीर्थ नाम के एक महान संत थे। जब वे जापान गए तो वहां एक दिन ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। उन्हें भूख लग रही थी। उस समय वे सिर्फ फल ही खाते थे। एक स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो वे तुरंत उतरे और स्टेशन पर फल खोजने लगे, लेकिन कहीं भी उन्हें …

अपने देश, राज्य, शहर, संस्था और घर-परिवार के लिए ईमानदार रहना चाहिए Read More »

विनोबा भावे बहुत ही विद्वान व्यक्ति थे। एक दिन वे अपने सहायक के साथ बैठकर पत्र पढ़ रहे थे। उनके लिए सैकड़ों पत्र रोज आते थे। वे सभी पत्रों को बहुत ध्यान से पढ़ते और खुद उनके उत्तर लिखकर भेजते भी थे। पत्र पढ़ते-पढ़ते अचानक विनोबा जी ने एक पत्र फाड़कर कचरे की टोकरी में …

जब भी कोई आपकी प्रशंसा करे तो बहुत ध्यान से सुनें और उससे अपना उत्साह बढ़ाएं Read More »

रामायण की घटना है। श्रीराम का राज्याभिषेक होना था। श्रीराम भी ये बात जानते थे। घोषणा दशरथ ने की थी तो इसके बदलने की संभावनाएं भी नहीं थीं। सबकुछ ठीक था। राज्याभिषेक से पहले वाली रात कैकयी ने मंथरा की संगत की। मंथरा ने अपनी बातों में कैकयी को उलझा लिया, भरत को राजपाठ देने …

धैर्य और शांति बनाए रखनी चाहिए Read More »

राजा जनक बहुत विद्वान थे। लोग उन्हें देखकर आश्चर्य करते थे कि ये राजपाठ का आनंद लेते हैं और संयमित जीवन भी जीते हैं। जनक हमेशा कहा करते थे, ‘मन हमेशा मनुष्य को बांधता है। अगर हमने मन को काबू कर लिया तो आप राजपाठ का सुख भोगें या हिमालय में तप करें, आप अपना …

राजा जनक की सीख Read More »

रामकृष्ण परमहंस से जुड़ी एक प्रेरक कथा प्रचलित है। एक दिन रामकृष्ण परमहंस किसी संत के साथ बैठे हुए थे। ठंड के दिन थे। शाम हो गई थी। तब संत ने ठंड से बचने के लिए कुछ लकड़ियां एकट्ठा कीं और धूनी जला दी। दोनों संत धर्म और अध्यात्म पर चर्चा कर रहे थे। इनसे …

अहंकार से बचना चाहिए Read More »

देवगुरु बृहस्पति के पुत्र थे महर्षि भारद्वाज। बचपन से ही भारद्वाज को बहुत सारा ज्ञान हासिल करने की इच्छा थी। वे चाहते थे कि उन्हें हर बात का पूरा ज्ञान हो जाए। बृहस्पति ने भारद्वाज से कहा, ‘वेदों में पूरी सृष्टि ज्ञान बसा है। अगर तुम वेद पढ़ लोगे तो समझ लो तुमने सारी प्रकृति …

हर बात का ज्ञान प्राप्त कर लें, इससे अच्छा ये है कि किसी एक काम में एक्सपर्ट हो जाएं Read More »

चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशियस दुनियाभर में प्रसिद्ध थे। वे बहुत ही सीधे शब्दों में गहरी बात किया करते थे। एक बार चीन के राजा ने कन्फ्यूशियस से पूछा, ‘आप मुझे किसी ऐसे इंसान से मिलवाएं, जिसका स्थान देवताओं से भी ऊंचा हो।’ कन्फ्यूशियस बोले, ‘वह इंसान आप खुद ही हैं, क्योंकि आप हमेशा सत्य जानना …

सबसे महान वह है, जो खुद असमर्थ होते हुए भी दूसरों की भलाई के लिए निस्वार्थ काम करता है Read More »

महात्मा गांधी यात्रा बहुत करते थे और इस दौरान वे अपने करीबियों के घर रुकना पसंद करते थे। उनका मानना था कि जब हम किसी के घर ठहरते हैं तो इससे अपनापन बढ़ता है। कुछ बातें हम उनसे सीखते हैं और कुछ वे लोग हम से सीखते हैं। एक बार गांधीजी जवाहरलाल नेहरू के साथ …

जल और अन्य वस्तुओं का उपयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए Read More »

महाभारत में एकलव्य की कथा हमें अनुशासन का महत्व समझाती है। एक दिन एकलव्य कौरव और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य के पास पहुंचा और बोला, ‘गुरुदेव मैं भी धनुर्विद्या सीखना चाहता हूं, कृपया मुझे भी अपना शिष्य बना लें।’ द्रोणाचार्य ने कहा, ‘मैं सिर्फ राजकुमारों को ही धनुर्विद्या का ज्ञान देता हूं। इसीलिए तुम्हें अपना …

अनुशासन, नियम और समर्पण Read More »