संत ज्ञानेश्वर से जुड़ा एक किस्सा है। एक नदी किनारे कोई महात्मा ध्यान में बैठे हुए थे। उस समय संत ज्ञानेश्वर वहां से गुजर रहे थे। ज्ञानेश्वरजी ने देखा कि पैर फिसलने की वजह से एक छोटा बच्चा नदी में गिर गया है और वह डूब रहा है। उसे तैरना नहीं आता था। संत ज्ञानेश्वर …
कुछ कहानियाँ
प्रतापभानु नाम का एक राजा था। वह दुनियाभर का धन पाना चाहता था। उसकी इच्छा थी कि उसके राज्य का विस्तार हो और उसकी ख्याति दूर-दूर तक हो जाए। इसके लिए उसने कई गलत काम किए। एक दिन वह जंगल में शिकार के लिए गया। उसके सैनिक पीछे रह गए, वह आगे निकल गया और …
महाभारत में गुरु द्रोणाचार्य ने एक दिन सोचा कि मुझे कौरव और पांडव राजकुमारों के व्यवहारिक ज्ञान की परीक्षा लेनी चाहिए। द्रोणाचार्य ने दुर्योधन को बुलाया और कहा, ‘तुम जाओ और नगर में से किसी एक अच्छे इंसान को खोजकर यहां ले आओ।’ दुर्योधन नगर में पहुंचा और कुछ देर बाद वह द्रोणाचार्य के पास …
जैसी हमारी दृष्टि होगी, वैसी ही सृष्टि हमें दिखाई देगी, इसीलिए बुराइयों से बचें Read More »
एक दिन स्वामी विवेकानंद किसी गांव में प्रवचन देने जा रहे थे। उनके साथ कई शिष्य भी थे। रास्ते में उनके एक विरोधी का घर भी था। स्वामीजी के विरोधी ने जब उन्हें देखा तो वह गुस्सा हो गया। वह व्यक्ति विवेकानंद से नफरत करता था। जैसे ही उसने स्वामीजी को देखा वह दौड़कर उनके …
द्वापर युग में कंस को आकाशवाणी ने बताया कि देवकी और वसुदेव की आठवीं संतान तुम्हारा वध करेगी। ये आकाशवाणी सुनकर कंस ने अपनी बहन और बहनोई को कारागार में बंद कर दिया। देवकी-वसुदेव की छह संतानों को कंस ने पैदा होते ही मार दिया था। सातवीं संतान के रूप में बलराम का जन्म हुआ, …
रामायण में राजा दशरथ बूढ़े हो चुके थे, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। इस वजह से वे चिंतित रहते थे। एक दिन राजा अपने गुरु वशिष्ठजी के पास पहुंचे। दशरथजी ने गुरु से कहा, ‘एक तो मैं राजा हूं और दूसरा वृद्ध। मैं मेरा दुख किसी से कह भी नहीं सकता हूं, लेकिन आप …
गुरु को अपनी समस्याएं जरूर बताएं, गुरु आपकी बात सुनेंगे और सही रास्ता भी दिखाएंगे Read More »
पुराने समय में एक संत बहुत शांत स्वभाव के थे। वे अपने ज्ञान और शांत स्वभाव की वजह से दूर-दूर तक प्रसिद्ध थे। काफी लोग उनके प्रवचन सुनने आश्रम पहुंचते थे। संत के भक्तों की संख्या काफी अधिक थी, लेकिन कुछ लोग संत को अपना शत्रु भी मानते थे। संत के विरोधी इसी अवसर की …
विरोधियों को जीतने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि उनके सामने शांत रहा जाए Read More »
पुराने समय में सभी ऋषि-मुनि इकट्ठा हुए और सभी विचार करने लगे कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश, ये तीनों देवता श्रेष्ठ हैं, लेकिन इन तीनों में सर्वश्रेष्ठ कौन है? तीनों देवताओं के अलग-अलग गुण हैं। इन तीनों देवताओं की श्रेष्ठता की परख करने का काम भृगु ऋषि को सौंपा गया। उनसे ऋषियों ने कहा, ‘आप …
किसी भी स्थिति में धैर्य न खोएं, शांति से काम करेंगे तो बड़े-बड़े काम भी पूरे हो जाएंगे Read More »
स्वामी विवेकानंद को कई बार लोग बहुत महंगे उपहार भी दे देते थे। किसी राजा ने उन्हें बहुत कीमती घड़ी भेंट की थी। एक दिन स्वामीजी वही घड़ी पहनकर रेलगाड़ी से कहीं जा रहे थे। ट्रेन में उनके पास कुछ लड़कियां भी बैठी थीं। लड़कियों ने देखा कि साधु ने बहुत महंगी घड़ी पहनी है, …
दूसरों को मूर्ख समझकर उनका शोषण करने की गलती न करें Read More »
एक राजा बहुत बड़े दानवीर थे। उनकी ये एक खास बात थी कि जब वो दान देने के लिए हाथ आगे बढ़ाते तो अपनी नज़रें नीचे झुका लेते थे। ये बात सभी को अजीब लगती थी कि ये राजा कैसे दानवीर हैं। ये दान भी देते हैं और इन्हें शर्म भी आती है। ये बात …