जब मन हो उदास,तब याद करना।जब दिल मेँ हो कोई बात,तब याद करना। दुआँ करते हैँ, तुम खुश रहो,आँखो मेँ आँशु आए,तब याद करना। जो चाहोँ वो मिल जाए,दिल की हसरत कबूल हो जाए,हर रास्ते मेँ फूल बीँछे हो,अगर काँटा कोई मिल जाए,तब याद करना। क्या कहुँ तुमसे,तुम सब जानते हो,प्यार करते हैँ तुमसे,ये भी …
हिन्दी काव्य संग्रह
अब जो मिले राहो मे पत्थर कही। तो पूछूँगी उससे क्यूँ तू रोता नही, ना जाने कितनी चोट देती है दुनिया तुझे, क्यूँ तुझे फिर भी हर चोट पे दर्द होता नही? ना अश्क बहाता है तू ना खुशी में हंसता है, क्यों तुझे कोई एहसास भिगोता नही? हर कोई तुझमे अपना स्वार्थ ढूंढता है, …
मधुर प्रतीक्षा ही जब इतनी, प्रिय तुम आते तब क्या होता? मौन रात इस भांति कि जैसे, कोई गत वीणा पर बज कर,अभी-अभी सोई खोई-सी, सपनों में तारों पर सिर धरऔर दिशाओं से प्रतिध्वनियाँ, जाग्रत सुधियों-सी आती हैं,कान तुम्हारे तान कहीं से यदि सुन पाते, तब क्या होता? तुमने कब दी बात रात के सूने …
जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिलाकुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँजो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा भला। जिस दिन मेरी चेतना जगी मैंने देखामैं खड़ा हुआ हूँ इस दुनिया के मेले में,हर एक यहाँ पर एक भुलाने में भूलाहर एक लगा है अपनी अपनी दे-ले मेंकुछ देर रहा हक्का-बक्का, भौचक्का-सा,आ …
दिल में छुपा रखा है तुझे याद बना केकभी सांसों का हौसला कभी फरियाद बना केहर एक कोने को रौशन किया तस्वीर से तेरीतेरी हर बात ने छोडा मुझे बर्बाद बना केआसमां ना गुमां कर ले रात की चांदनी पे कहीतभी तो ज़मीं पे उतारा गया है तुझे चाँद बना केमै नए साल में क्या …
उसके चेहरे से नजर हे कि हटती नहींवो जो मिल जाये अगर चहकती कहीं जिन्दगी मायूस थी आज वो महका गयीजेसे गुलशन में कोई कली खिलती कहीं वो जो हंसी जब नजरे मेरी बहकने लगीमन की मोम आज क्यों पिगलती गयी महकने लगा समां चांदनी खिलने लगीछुपने लगा चाँद क्यों आज अम्बर में कहीं भूल …
तेरे बारे में जब सोचा नहीं था,मैं तनहा था मगर इतना नहीं था,तेरी तस्वीर से करता था बातें,क्यूंकि मेरे कमरे में आइना नहीं था,समंदर ने मुझे प्यासा ही रखा,मैं जब सेहरा में था,प्यासा नहीं था,मनाने-रूठने के खेल में ,हम बिछड़ जायेंगे यह सोचा नहीं था,सुना है कि बंद कर ली उसने आँखें,कई रातों से वोह …
पलकें ज़रा उठा कर एक बार देखिये,थोडा सा मुस्कुरा कर एक बार देखिये,ए हुस्न-की-मल्लिका,अँधेरा है चारों ओर,इसीलिए रुख से नकाब उठा कर एक बार देखिये,छुपने लगा है चाँद घटाओं कि ओट में,जुल्फें ज़रा हटा कर एक बार देखिये,बजने लगेंगे जलतरंग इस कायनात में,कोई गीत गुनगुना कर एक बार देखिये,दे देंगे जान आपके क़दमों में हम …
तेरी याद आये तो मैं क्या करूँ,तुझ बिन करार ना आये तो मैं क्या करूँ,जागते में भी तुझ को सोचूं,सोते में भी तेरे ही ख्वाब आयें तो मैं क्या करूँ,तुझे भूलने कि लाख करता हूँ कोशिश,आँखों से तेरी सूरत ना जाए तो मैं क्या करूँ,तेरे पास आना चाहता हूँ मैं,ज़माना दीवार बन जाए तो मैं …
क्यूँ दूर होकर भी,कोई दिल के पास होता है,दिल के पास होकर भी,क्यूँ उसका इंतज़ार रहता है,यह कैसा दर्द है,जो मीठा सा लगता है,महफ़िल में हूँ,मगर मुझे तन्हा सा लगता है,क्यूँ हम हर पल,उनके ख्यालों में खोये रहते है,उनके ही ख्यालों से अपनी दुनिया सजाये रहते हैं,क्यूँ लगता है,हम उनके बिना अधूरे हैं,मिल जाएँ अगर …