मैं हूँ नदी,तुम तट बनो,मैं हूँ डोर तुम पतंग बनो,मैं हूँ तिनका तुम नीड़ बनो,मैं बेरंग तुम रंग बनो,तुम बिन मैं कुछ भी नहीं,तुम ही मेरी सब कुछ बनो।
हिन्दी काव्य संग्रह
ओस की बूंदों सी होती हैं बेटियाँ,स्पर्श करो तो रोती हैं बेटियाँ,रोशन करेगा बेटा तो एक ही कुल को,दो कुलों की लाज को रखती हैं बेटियाँ,माँ का तो पता नहीं,पर बाप की जान होती हैं बेटियाँ,हीरा अगर है बेटा,तो सच्चा मोती हैं बेटियाँ,कांटो की राह पर यह खुद ही चलती रहेंगी,औरों के लिए पर फूल …
ज़िन्दगी धूप का है सफ़र,तुम साथ चलो,न हो सकेगी अकेले गुज़र,तुम साथ चलो,ज़माना जीने न देगा,करेगा रुसवा हमें,बनकर मेरे हसीं रहबर तुम साथ चलो,राह-ए-उल्फत में वफ़ा की सौगात लिए हाथों में,ए मेरे प्यारे हमसफ़र तुम साथ चलो,मेरी धडकनों में रहो,बसे रहो साँसों में मेरी,चलो की दूर कहीं दूर,बहुत दूर कहीं,हो न दुश्मनों को खबर,तुम साथ …
यह कौन ज़िन्दगी में उदासियाँ रख गया,मेरे आँगन में,यादों की तितलियाँ रख गया,आया था कुछ दिनों के लिए ,गया है सदा के लिए,क्यूँ मेरी हयात में तनहइयां रख गया,तिनका-तिनका चुनकर बनाया था आशियाँ,उसी शाख पर वो ज़ालिम बिजलियाँ रख गया,आता है याद बहुत हमें,रोते हैं अक्सर,क्यूँ दिल में वो उम्मीदों की बस्तियां रख गया।
मेरे गम में मुस्कुराओ तो कोई बात बने,इसी तरह मेरा साथ निभाओ तो कोई बात बने,दुनिया दुश्मन है प्यार की,तोहमतें लगाएगी,ज़माने की नज़र से नज़र मिलाओ तो कोई बात बने,प्यार आसान है पर रस्म-ए-वफ़ा निभाना मुश्किल,कदम हौसलों से उठाओ तो कोई बात बने,प्यार के नाम पर यारों,कर दें जान फ़िदा दोनों,मिटकर भी वफायें निभाओ तो …
सूरत भी है,खुबसूरत भी है,और हर दिल की वो ज़रूरत भी है,वो शरमाती भी है और घबराती भी है,और दिल में जज़बातों को छुपाती भी है,कभी धूप है,कभी छाँव है,कभी आग है,कभी पानी है,कभी दोस्त है,कभी बहन है,या कभी धड़कते दिल की कहानी है,जिस रिश्ते को भी निभाये,उसे निभाये पूरे मन से,जीती है वो दूसरों …
सुहानी शाम का ये मंज़र उदास लगता है,की तुम्हारे बिना ये शहर उदास लगता है,जबसे जुदा हुए हो तुम मुझसे ए हमसफ़र,मुझे साँसों का यह सफ़र उदास लगता है,तुम थे तो रौनकें भी थी और बहारें भी,तुम्हारे बाद तो अपना घर भी उदास लगता है,यह कैसा वक़्त आया है ज़िन्दगी में हमारी,की अपनी ही दुआओं …
क्या लिखूं,क्या न लिखूं,कलम हाथ में है पर शब्द नहीं है,तुमसे मिलकर कुछ यूँ लगा,मानो जीवन में अब कोई दर्द नहीं है,तुम ही प्रियतमा,तुम ही सखी बनकर,तुम ही मेरी कविताओं के शब्द बनकर,कुछ यूँ घुल गयी हो मेरे जीवन में,की अब बस मिठास ही मिठास है,कोई कडवापन नहीं,दिल की आरज़ू,दिल की हसरत बनकर,और मेरे जीवन …
बीते पल जब याद आये,बस तुम ही मुझे याद आये,यूँ तो बसे हैं यादों में कई लोग,पर सबसे पहले,बस तुम ही याद आये,वो शाम का समय,और साथ तुम्हारा,वो कहना मेरा कुछ,और वो मुस्कुराना तुम्हारा,बीते पल जब याद आये,बस तुम ही मुझे याद आये,वो मेरा तुम्हे देखकर कोई शायरी कहना,और तुम्हारी नज़रों का झुक जाना,वो मेरा …
दिन गुज़रे,शाम गुजरी,शाम के बाद फिर रात गुजरी,तेरी यादों की महफ़िल से होकर,तेरी एक-एक बात गुजरी॥दीवानगी का आलम इस से ज्यादा क्या होगा,की दिया जलाए बैठे हैं आस का,आज भी दिल के उसी आँगन में,जिस आँगन से होकर,बस तू ही पहली बार गुजरी॥यूँ तो ज़माने हो गए तुमसे पहली मुलाकात किये,पर आज भी लगता है …