पल पल हर पल कहता है ये पल .रुकना जिन्दगी नहीं , आ मेरे साथ चल.हाथ मेरे थाम ले तू ,जायेगा किस्मत बदल.पल पल हर पल कहता है ये पल .रोज बदल्ती दुनिया में ,कौन जाने क्या होगा कल.दुनिया की इस भरी मेहफिल में , तेरा भी है कुछ रोल.पल पल हर पल कहता है …
हिन्दी काव्य संग्रह
मुसाफ़िर हैं हम तो चले जा रहे हैं बड़ा ही सुहाना ग़ज़ल का सफ़र है।पता पूछते हो तो इतना पता है हमारा ठिकाना गुलाबी नगर है। ग़ज़ल ही हमारा अनोखा जहाँ है ग़ज़ल प्यार की वो हसीं दासताँ है।इसे जो भी सुनता है, वो झूमता है वो जादू है इसमें कुछ ऐसा असर है। ना …
ऐसा नहीं कि यह ज़िन्दगी बुरी है,पर स्कूल लाइफ कि बात ही कुछ और थी,ऐसा नहीं कि अब हँसी नहीं आती,पर दोस्तों के बीच बैठ कर खिलखिलाने वाली बात कुछ और थी,ऐसा नहीं कि अब टेंशन से रात नहीं गुज़रती,पर एग्जाम कि रातों में जागने वाली बात कुछ और थी,ऐसा नहीं कि आगे आकर कुछ …
महफ़िल जब लगी थी यारों कि,हमको भी बुलाया गया था,कैसे ना जाते हम,उनकी कसमें देकर जो बुलवाया था,कुछ कहने को जब कहा गया,तो ख़याल उनका ही आया था,फिर अक्षर-अक्षर जोड़ के मैंने,दिल का दर्द सुनाया था,तब आंसू उनकी यादों के ना-ना करते निकल गए,जो समझे वो खामोश रहे,बाकी वाह-वाह करते निकल गए….
जब कभी तेरा दिल घबराये तो लौट आना,अगर तुझे मेरी याद आये तो लौट आना,कुछ वक़्त अच्छा गुज़रा है साथ तुम्हारे,वो वक़्त गर याद आये तो लौट आना,एक पल में दोस्त बन गए थे हम,अगर कभी वो पल याद आये तो लौट आना,अगर कभी दिल के धड़कनें तेज़ हो जाएँ तो लौट आना,लोग तो अक्सर …
सज़ा पे छोड़ दिया,जहाँ पे छोड़ दिया,हर एक काम को हमने खुदा पे छोड़ दिया,वो हमको याद रखे या भुला दे,उसी का काम था,उसी कि रज़ा पे छोड़ दिया,अब उसकी मर्ज़ी,बुझा दे या जला दे,चिराग हमने बाहर हवा में छोड़ दिया,अब उस से बात किये बगैर कैसे रहेंगे हम,ये मसला दुआ का था,सो दुआ पे …
छोटी सी ज़िन्दगी है,हर बात में खुश रहो,जो चेहरा पास ना हो,उसकी आवाज़ में खुश रहो,कोई रूठा हुआ हो तुमसे,तो उसके इस अंदाज़ में खुश रहो,जो लौट के नहीं आने वाले,उन लम्हों कि याद में खुश रहो,कल किसने देखा है,तुम अपने आज में खुश रहो,खुशियों का इंतज़ार किसलिए,दूसरों कि मुस्कान में खुश रहो,क्यूँ तड़पते हो …
होश संभाला है जब से मैंने,दुनिया को बदलते देखा है बस इक तेरा वजूद ही है मां,जो अब भी पहले जैसा है।जिसकी आंखों में भरी है ममतामुझे याद है आज भी वो पुलियाजहां बैठ हम राह तेरी थे तकतेदूर से तेरी इक झलक पाकरधरती भी जन्नत सी लगती थी हमेंकोने में टोकरी के पड़े वो …
अलसुबह से ही जादू शुरू हो जाताऔर तारों की छांव में हीकपड़े धुलकर तारों परसूखने को लटक जाते।किताबों, कपड़ों और जूतों का ढेरअपने नियत स्थान पर पहुंच जाता।और घर चमकने लगता।रसोई से मसालों की सोंधी महक उठतीऔर अचानक आए मेहमानों के लिए, खाना कभी कम न पड़ता।त्योहार से दिनों पहले, रसोई मीठे नमकीन पकवानों से …
तू अपनी खूबियां ढूंढ, कमियां निकालने के लिए लोग हैं| अगर रखना ही है कदम तो आगे रख, पीछे खींचने के लिए लोग हैं| सपने देखने ही है तो ऊंचे देख, नीचा दिखाने के लिए लोग हैं| अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का, जलने के लिए लोग हैं| अगर बनानी है तो यादें बना, बातें …