हिन्दी काव्य संग्रह

एक तन्हा मुसाफिर था,राहों पे यूं चलते हुयेअपनी ही धुन में ग़ाफिल था आयी लहर थी कुछ सपनों की,नए राहें रौशनी उसने भीदेखी थी वहां झलक अपनों की अन्जान न था वो दुनिया के दस्तूर से,वो टूटते जज्बो़ से देखेइन्सानी चेहरे होते बेनूर से फिर शामिल वो भी था उस जमात में,बनते जहां कम ही …

तन्हा मुसाफिर था Read More »

व्यथा है, एक कथा है, प्रेम की सदैव यही प्र‍था है,वर्ष बीते अनेक किंतु प्रेम बलिदान ने इतिहास रचा है,प्रीत रीत उस भले मानस की,आज भी प्रेरणास्त्रोत उंचा है, कितने राजे आये,प्रेम पंरपरा न डिगा पाये,कोयल सी इस कूक को, गीदड़बग्घी से न उरा पाये,कष्ट, पीड़ा की न सीमा,पर न कोई इसे मिटा पाये, प्रेम …

प्रेम Read More »

आज तक बहुत कुछ खोया है हमने,लेकिन आज कुछ पाने को दिल चाहता है.हर हालात को ख़ुशी से क़ुबूल किया है हमने,लेकिन आज उनसे लड़ने को दिल चाहता है.अब तक थे जिंदगी में तनहा हम लेकिन,अब किसी को अपना बनाने को दिल चाहता है.न जाने कब से नहीं सोये हैं हम लेकिन,आज जी भरके सोने …

एक कविता…..(30-01-2012) Read More »

कहता है दिल की चाहूँ तुझेबस यूँ ही..पल-पल छिप-छिपकर देखूँ तुझेबस यूँ ही..नींद जब ले रही हो तुम,तो साँसों को तुम्हारी सुनूँ..बस यूँ ही..सुबह की पहली किरण के साथ तेरे माथे की जुल्फें हटाऊँ मैं,बस यूँ ही..हर दुआ में तेरा साथ मांगूँहर ख्वाब में तेरा प्यारबस यूँ ही..कभी जब घर पर अकेली हो तुम,तो फ़ोन …

बस यूँ ही.. Read More »

मन कहता है की बीत जाए यह ज़िन्दगी,तेरी जुल्फों के साए में खेलते हुए,हर धूप-हर छाँव ज़िन्दगी की बीत जाए,तेरी जुल्फों के साए में खेलते हुए,तेरी आँखों ने देखें हैं जो ख़्वाब हसीं,उन्हें पूरा करने निकल जाऊँ मैं,रास्ते में आने वाली मुश्किलों को जीत ता हुआइस जीवन के भंवर से पार लग जाऊँ मैं,तेरी जुल्फों …

तेरी जुल्फों के साए में खेलते हुए… Read More »

कही-अनकही सी बातें सब जानी-पहचानी सी लगती है,तुझसे मेरी मुलाक़ात पुरानी सी लगती है,लगता है तू साथ था मेरे कई जन्मों से,उन किस्से-कहानियों में अपनी कहानी सी लगती है,देखूं जो कहीं नज़र उठा कर इस चमन को मैं,हर ज़र्रे में तेरी कहानी सी लगती है,करें जो बात हम धडकनों की अपनी,तो तेरे मिलने के बाद …

कही-अनकही सी बातें … Read More »

ना कह पाए हम कुछ,समझे थे दिल ने बयान किया सब कुछ,पढ़ न पाए इन आँखों को तुम,दे गए अनजाने में इतना दर्द तुम,वीरानी लगती है ये ज़िन्दगी,कैसे काटूँगा प्यार के बिना ये ज़िन्दगी,बातें करनी थी बहुत हमको,ना जाने तुमको देख के क्या हो जाता था हमको,इतनी अनकही बातें ना सुनकर,चली गयीं तुम यूँ मुझे …

अनकही बातें… Read More »

आज फिर स्कूल जाने को दिल करता है,सुबह-सुबह जल्दी उठ कर नहाने को दिल करता है,स्कूल ड्रेस पहन कर टाई लगाने को दिल करता है,एक दूसरे को धक्का दे कर आगे बढ़ने को दिल करता है,आज फिर क्लास में खाली पीरियड में चाक मारने को दिल करता है,लंच टाइम में एक दुसरे का टिफ़िन खाने …

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‘उनको ये शिकायत है.. मैं बेवफ़ाई पे नही लिखता,और मैं सोचता हूँ कि मैं उनकी रुसवाई पे नही लिखता.’ ‘ख़ुद अपने से ज़्यादा बुरा, ज़माने में कौन है ??मैं इसलिए औरों की.. बुराई पे नही लिखता.’ ‘कुछ तो आदत से मज़बूर हैं और कुछ फ़ितरतों की पसंद है ,ज़ख़्म कितने भी गहरे हों?? मैं उनकी …

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महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केसफसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंसअक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयींमहामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाईमंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारीभैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकाराकोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावेअक्ल घास जब …

अक्ल बङी या भैंस Read More »