हिन्दी काव्य संग्रह

अमावास की काली रातों में दिल कुछ भर सा जाता हैजाने हर रात कलेजे में एक दर्द ठहर सा जाता हैआवाजें सब चुप रहती हैं, सन्नाटे चिल्लाते हैंरोशनदानो के रस्ते अन्दर, स्याह अँधेरे आते हैंतन्हाई का हर लम्हा, सदियों सा लम्बा लगता हैजिन्दा हूँ पर जीने का, एहसास अचम्भा लगता हैऐसे में फिर यादों में …

डॉ. कुमार विश्वास (पगली लड़की) Read More »

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता हैमगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है, मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी हैये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!! समुँदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकताये आसुँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता ,मेरी …

डॉ. कुमार विश्वास (कोई दीवाना कहता है) Read More »

1. दिलों में तुम अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,नज़र में ख़्वाबों की बिजलियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,हवा के झोंकों के जैसे आज़ाद रहना सीखो,तुम एक दरिया के जैसे लहरों में बहना सीखो,हर एक लम्हे से तुम मिलो खोल के अपनी बाहें,हर एक पल एक नया समाँ …

जावेद अख्तर की रचनाएँ (फिल्म “ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा” से ली गयी पंक्तियाँ..) Read More »

लफ्ज़-दर-लफ्ज़ यह किताब पढना चाहता हूँ,मैं तुम्हारी नज़र का हर ख्वाब पढना चाहता हूँ, जिनके माथे पे अंधेरों ने लिखी है तहरीर,उनके चेहरों पे अफताब पढना चाहता हूँ, महल के पाँव ने कुचला जिनको सदियों से,उनकी आँखों में इंक़लाब पढना चाहता हूँ, जिसको लिखा है गरीबों के खून से बनिये ने,सूद दर सूद वो हिसाब …

एक ग़ज़ल… Read More »

ये दिल बहुत मासूम है,न खेलो इसकी मासूमियत से,ये दिल बहुत नाज़ुक है,न तोड़ो इसको फूल समझ के,ये दिल बहुत रंगीन है,न बदलो इसके रंग किसी से,बाँट सको तो बाँटो तुम,इस दिल के दुःख-दर्द को,जोड़ सको तो जोड़ो तुम,इस दिल के टुकड़ों को….

आँखों ही आँखों में कुछ,इशारे-इशारे होने दो,मौन शब्द होठों में,जो बात है दिल में,एहसास प्यार का होने दो,कुछ न कहो आज,ख़ामोशी को कुछ कहने दो… चांदनी रात सुहानी,मदभरी हवा को गाने दो,दो दिल मिल रहे,साँसों में साँस घुलने दो,पल ये थमने दो,कुछ न कहो आज,ख़ामोशी को कुछ कहने दो… होठों को छूके हलके से,प्यार की …

ख़ामोशी को कुछ कहने दो… Read More »

चल रहा हूँ बस चुपचाप चल रहा हूँ,थका नहीं,रुका नहीं बस चल रहा हूँ,दूर किसी क्षितिज सा दीखता रहता है मेरा सुख,जब भी जितना भी उसके करीब होता हूँ,वो फिर उतना ही दूर होता जाता है,अब तो आलम ये है की ये भी पता नहीं,किसके किता करीब और अपने से कितना दूर हो गया हूँ,जल …

मंजिल सफ़र में है Read More »

तेरी आँखों में आकर बोलती है,ग़ज़ल जो दिल के दीवानों में चुप है…कहानी एक अंजानो में चुप है.नदी आकर मैदानों में चुप है,लबों पर सिर्फ दुनिया की कहानी,तुम्हारी बात अफसानो में चुप है..हैं नंगे हम सभी हम्माम में,मगर ये बात परिधानों में चुप है,ना पंछी उड़ सके पिंजरों से आगे,कथा परवाज़ की दानों में चुप …

चुप है…. Read More »

कभी अपनी हँसी पर भी आता है गुस्सा,कभी सारे जहां को हँसाने को जी चाहता है,कभी छुपा लेते हैं ग़मों को दिल के किसी कोने में,कभी किसी को सब कुछ सुनाने को जी चाहता है,कभी रोता नहीं दिल टूट जाने पर भी,और कभी बस यूँ ही आँसू बहाने को जी चाहता है,कभी हँसी सी आ …

एक कविता….. Read More »

बिन मय बहकें मेरे क़दम,लेकिन मैं मदहोश नहीं हूं | दिखे अनजाने सारे जाने चेहरे,लेकिन मैं मदहोश नहीं हूं | जब तब थम जाये सोच मेरी,लेकिन मैं मदहोश नहीं हूं | हर दूजे पल बहके धङकन मेरी,लेकिन मैं मदहोश नहीं हूं | ख़ाली जैसे सारे जज्ब़ मेरे,लेकिन मैं मदहोश नहीं हूं | निहारे एक-टक उस …

लेकिन मैं मदहोश नहीं हूं Read More »