मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा जैनालयों आदि देवस्थानों के अंदर सभी श्रद्धालु जूते-चप्पल बाहर उतारकर ही प्रवेश करते हैं। मंदिरों में नंगे पैर प्रवेश करने के पीछे कई कारण हैं। जैसे: – देवस्थानों का निर्माण कुछ इस प्रकार से किया जाता है कि उस स्थान पर काफी सकारात्मक ऊर्जा एकत्रित होती रहती है। नंगे पैर जाने से …
हिन्दी के लेख
सुंदर आंखों वाली लड़कियां जब काजल लगाती हैं तो उनकी सुंदरता देखते ही बनती है। सामान्यत: सभी लड़कियां काजल लगाती है। काजल को सोलह शृंगार में भी शामिल किया गया है। सभी यही सोचते हैं कि काजल का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। परंतु सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ काजल के अन्य उपयोग …
सनातन धर्म में किसी की मृत्यु के उपरांत उसके शव को जलाने का विधान है। शरीर से प्राण निकलने के पश्चात बहुत जल्द ही मानव शरीर सडऩे लगता है, शरीर में कीड़े पडऩा शुरू हो जाते हैं। ऐसे में शरीर से दुर्गंध आना भी शुरू हो जाती है। जो कि जीवित मनुष्य के लिए स्वास्थ्य …
शादी में मंगलगीत गाए जाते हैं संगीत की रस्म निभाई जाती है जिसमें घर के सभी सदस्य आनंद और उल्लास के साथ भाग लेते हैं। दरअसल इसका कारण यह है कि संगीत आंनद आपस में गहरा ताल्लुक है। संगीत के बगैर किसी भी प्रकार के सेलीबे्रशन की सफलता अधूरी ही मानी जाती है। ढ़ोल, नगाड़े …
धागे में पिरोए काले मोती और सोने का पेंडिल से बना मंगलसूत्र पहनना विवाहित स्त्री के अनिवार्य बताया गया है। इसकी तुलना किसी अन्य आभूषण से नहीं की जाती। प्राचीन काल से मंगलसूत्र की बड़ी महिमा बताई गई है। हर स्त्री को मंगलसूत्र विवाह पर पति द्वारा पहनाया जाता है जिसे वह स्त्री पति की …
विवाह की रस्मों एक रस्म होती है हल्दी लगाने की। शादी के अवसर पर हल्दी दूल्हा और दुल्हन दोनों को लगाई जाती है। अधिकांश लोग यही मानते हैं कि यह एक आवश्यक परंपरा है इसलिए इसका निर्वाह किया जाना अनिवार्य है। परंतु हल्दी को अनिवार्य करने के पीछे भी कुछ वजह है। जैसा कि हम …
देश की आजादी में आधारस्तंभ माने जाने वाले बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी और सरदार पटेल भी अपने स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई के दरमियान परीक्षा में फेल हो चुके हैं। ये तीनों राष्ट्रीय नेता फेल होने के बावजूद जीवन में कभी हताशा को प्रवेश नहीं करने दिया और सफलता पाने के लिए इन्होंने बार-बार संघर्ष और …
गांधी, तिलक व पटेल भी हो चुके हैं परीक्षा में फेल Read More »
महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे…पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था… और वह था श्रवण के पिता का श्राप…. दशरथ जब-जब दुःखी होते थे तो उन्हें श्रवण के पिता का दिया …
एक बार एक शिकारी शिकार करने गया,शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के कारण। वहीं से एक अतिसुन्दर हंस उड़कर जा रहा था, उस हंस ने देखा की वह व्यक्ति …
बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है क्यों, चलिए आज आपको विस्तार से बताता हूं ।। बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर कर के रोता है।। माँ बेटी के रिश्तों पर तो बात होती …