हमारे जीवन में कई शब्द ऐसे गुजरते हैं जो होते तो सरल हैं लेकिन उनके अर्थ गहरे होते हैं। श्रीहनुमानचालीसा का प्रत्येक शब्द ऐसा ही है। हर शब्द में दर्शक, दिशा और व्यावहारिक जीवनशैली के संकेत हैं। तुलसीदास केवल कवि नहीं थे वे ऋषि होने के भाव को स्पर्श कर गए थे। जीवन जीने और …
हिन्दी के लेख
आजकल मीडिया के बीच में युवा वर्ग के आदर्श या प्रतिबिम्ब को लेकर ही बहस चलती रहती है| और मुझे हैरानी होती है देश के नासमझ मीडिया पर|किन बातों को ध्यान में रखकर कोई भी ऐरा-गैरा देश के करोड़ों युवाओं का प्रतिबिम्ब बन जाता है, या फिर मीडिया द्वारा ज़बरदस्ती बना दिया जाता है?? समझ …
लड़का हैंडसम होना चाहिए, ‘स्मार्ट’ तो फोन भी होते हैं। फोन तो आईफोन होना चाहिए, ‘S1, S2…S4’ तो ट्रेन के डिब्बे भी होते हैं। इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए, ‘छोटा’ तो भीम भी है। व्यक्ति को समझदार होना चाहिए, ‘सेंसटिव’ तो टूथपेस्ट भी है। टीचर ज्यादा नंबर देने वाला होना चाहिए, ‘अंडा’ तो मुर्गी …
आज चारों ओर जब देखता हूँ बड़े बड़े शहरों की जीवनशैली तो बस लगता है की क्या यह वास्तव में जीवन है या सिर्फ एक समझौता जो लोग कर रहे हैं अपनी आज़ाद ज़िन्दगी के साथ,कुछ कंक्रीट के जंगलों में रहने के लिए.अफ़सोस होता है उन लोगों पर जो मानव के आज़ाद और स्वछन्द व्यवहार …
कुछ महीनो पहले क्रिकेट के भगवान् सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.कहते भी क्यूँ नहीं,जब भगवान् का दर्जा देने वाले भक्त ही भगवान् की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाने लग जाए तो एक आदर्श इश्वर-स्वरूपी को स्वयं को इस कीचड़ से अलग कर लेना ही चाहिए था और वैसा ही हुआ …
भारतीय रेल—-एक माध्यम जिसे आम आदमी अपनी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा मानता है|भारतीय रेल हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है,परन्तु जैसी आज कल की रेल व्यवस्था है उसे देखकर नहीं लगता की आम आदमी का विश्वास इस सबसे महत्वपूर्ण साधन में अधिक रहा है|मैं खुद रेलगाड़ी में ही सफ़र करता हूँ और अधिकतर …
मेरे दोस्त ने कहा- “स्वाभिमानी बनो, तो बहुत आगे बढोगे” मैंने कहा- शहर आने से पहले, मेरे पास भी “एक” स्वाभिमान था. बसों में धक्के खाके, सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाके, नैराश्य के धूप में जलके, असफलता की बारिश में गल के, अंततः थक कर और चूर होके, मैंने स्वाभिमान को” पुरानी ” पतलून की …
अभी हाल ही में मैंने आमिर खान कि फिल्म “तारे ज़मीन पर” देखी.उस फिल्म में आमिर खान के प्रयासों ओर उसके ज़रिये बताई गयी बातों ने ह्रदय को गहराई तक स्पर्श किया.कई दृश्यों में ऐसा लगा मानो हमारे वास्तविक जीवन कि परिस्थितियाँ परदे पर उतर आई हों. उस फिल्म में expectations पर ख़ास बातें कि …
“सांता क्लॉस” नाम एक ऐसा नाम है जिससे संपूर्ण विश्व के लगभग सभी लोग परिचित होंगे.क्रिसमस पर सभी लोगों को अगर किसी ख़ास का इंतज़ार सबसे ज्यादा रहता है तो शायद वो सांता क्लॉस ही है.सिर्फ बच्चे ही नहीं,अपितु बड़े भी सांता से गिफ्ट्स पाकर खिल उठते हैं.हर कोई बस यही सोचता है कि काश …
आजकल वैज्ञानिक एक ऐसा परिधान डिजाईन करने में लगे हैं जिसे पहनकर मनुष्य गायब(या अदृश्य) हो सकता है,ठीक वैसे ही जैसे अनिल कपूर फिल्म मिस्टर इंडिया में हो जाते थे. मनुष्य की यह अविश्वसनीय सफलता वाकई तारीफ के काबिल है पर क्या वास्तव में मनुष्य को ऐसी कोई खोज करनी चाहिए?क्या वास्तव में मनुष्य को …