मनीषियों ने कहा है – दानं भोगो नाशस्तिस्रो गतयो भवंति वित्तस्य।यो न ददाति न भुंक्ते तस्य तृतीया गतिर्भवति।। धन की गतियां तीन हैं, दान -भोग अरु नाश।दान-भोग जो ना करे, निश्चित हो विनाश । विचारक कहते हैं कि ‘धन की तीन स्थिति होती हैं, दान अर्थात् अच्छे काम के लिए परोपकार की भावना से दूसरों …
हिन्दी के लेख
● जीवन मर्यादित है और उसका जब अंत होगा तब इस लोक की कोई भी वस्तु साथ नही जाएगी ● फिर ऐसे में कंजूसी कर, पेट काट कर बचत क्यों की जाए ? आवश्यकतानुसार खर्च क्यों ना करें? जिन अच्छी बातों में आनंद मिलता है वे करनी ही चाहिएँ ● हमारे जाने के पश्चात क्या …
मैं तुम्हें दिन और रात अपने ख्यालों में सोचता रहता हूँ,पर अब चाहता हूँ की तुम उन ख्यालों से निकलकर मेरी ज़िन्दगी में शामिल हो जाओ। मेरे बराबर खड़ी होकर,मेरा हाथ थामकर,यह ज़िन्दगी का सफ़र पूरा करो। उन तमाम सपनो को जिनमे मैंने तुम्हें देखा है,आज हकीकत बनने से मैं नहीं रोकना चाहता,हो सकता है …
मैं तुम्हें दिन और रात अपने ख्यालों में सोचता रहता हूँ Read More »
अगर पढ़ो तो आंसुओ पे काबू रखना…प्यारे पाठको….छोटा सा वृतांत है एक रात की बात हैं,माता कौशिल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी। नींद खुल गई । पूछा कौन हैं ? मालूम पड़ा श्रुतिकीर्ति जी हैं ।नीचे बुलाया गया श्रुतिकीर्ति जी, जो सबसे छोटी बहु …
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का कहना है कि नौजवानों को अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए और उन्हें पूरा करने की भरपूर कोशिश करनी चाहिए. सचिन मानते हैं कि सपने ही इंसान को आगे बढ़ने में मदद करते हैं और अगर हम पूरे जी-जान से अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में काम …
अपने सपनों को छोड़ो मत: सचिन तेंदुलकर(30th May,2010) Read More »
कहते हैं तरक्की करने के लिए अच्छी तालीम हासिल करना बहुत जरूरी है। लेकिन हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए। लेकिन आज इनका नाम दुनिया के गिने चुने रईसों में शामिल है। इस लिस्ट में पहला नाम है दुनिया …
ये कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर पाए लेकिन बन गए अरबपति Read More »
मनुष्य शरीर स्थित कुंडलिनी शक्ति में चक्रों की संख्या सर्वमान्य रूप से छ: ही है। इन चक्रों के विषय मेंअत्यंत महत्वपूर्ण एवं गोपनीय जानकारी यहां दी गई है। यह जानकारी शास्त्रीय, प्रामाणिक एवं तथ्यात्मक है- (1) मूलाधार चक्र- गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला ‘आधार चक्र’ है । आधार चक्र का हीएक दूसरा …
सबके जीवन में एक समस्या समान होती है। जीएं कैसे? हम कभी किसी को आदर्श बनाकर, उसके तरीकों को देखकर जीते हैं, फिर कुछ समय बाद हमारा आदर्श बदल जाता है। हम नया तरीका ढूंढऩे में लग जाते हैं। इसी ऊहापोह में हम वह खोते जा रहे हैं जो सबसे कीमती है, हमारा समय। सबसे …
आज का दौर क्षमता से ज्यादा काम और दूसरों से ज्यादा तेजी से करने का दौर है। आज हर स्थिति में सौ फीसदी काम करना जरूरी भी है और वक्त की मांग भी। आज के युवाओं के साथ एक समस्या यह भी है कि वे अपनी क्षमताओं से परिचित ही नहीं है। जो थोड़े से …
भारत में प्रचीन समय से ही जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा थी। लेकिन आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के कारण डायनिंग टेबल पर खाना खाने की संस्कृति हमारे यहां बस चुकि है।हमारे पूर्वजो ने जो भी परंपरा बनाई थी उसके पीछे कोई गहरी सोच थी। इसलिए जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना …