बचपन के मेरे दोस्त…


“यह कविता,बचपन के सभी दोस्तों के नाम….”

आतें हैं याद बहुत,
बचपन के मेरे दोस्त,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के वो मेरे दोस्त॥

सुबह-सुबह उठ के स्कूल साथ जाना,
एक ही बेंच पर बैठकर दिन बिताना,
थके हुए कन्धों पर बस्ता टाँगे,
स्कूल के बाद में भी साथ आना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

चोर-पुलिस,छुपा-छुपी और पोशम्पा के खेलों में,
एक दूसरे के और करीब आना,
punishment के time में भी,
दोस्त के संग गप्पे लड़ाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

कभी किसी से पेंसिल माँगना,
कभी किसी के टिफिन से खाना खाना,
कभी लड़ाई,कभी प्यार,
दिन में बातें करते हज़ार,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

बर्थडे पर toffee खाना,
कागज़ के प्लेन बनाना,
पानी में नकली कश्ती चलाना,
बारिश में भीगने पर मम्मी से डाँट खाना,
कभी एक दूसरे के आंसू पोंछना,
कभी गुदगुदी कर हँसाना,
कभी लड़ाई कर रूठ जाना,
और बाद में फिर खुद ही मान जाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

humpty-dumpty और twinkle-twinkle की,
दुनिया में साथ में खो जाना,
दोस्त की हर एक चोट पर,
अपने हाथों से मलहम लगाना,
कभी हाफ़-पेंट में सु-सु करना,
और स्वेटर से नाक पौंछना,
खाना खाते हुए कपडे भी गंदे करना,
पर फिर भी हँसते रहना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

सुबह-सुबह जब स्कूल को जाना,
तो teacher के लिए फूल ले जाना,
assembly में खड़े होकर,
“जन-गण-मन” शान से गाना,
playground में रेत के घर बनाकर,
उनको फिर सीपों से सजाना,
कभी क्लास से chalk चुराना,
कभी दोस्त के लिए सब से लड़ जाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

Fancy dress में सज के आना,
पानी में छप-छप कर छीटें उडाना,
मम्मी से जूते polish करवाना,
मोजों से elastic निकालना,
head-down कर सो ही जाना,
जब बज चुकी हो छुट्टी की घंटी,
तो teacher का सीट पर आकर उठाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

stamp-collection,coin-collection,
जैसी hobbies का जीवन में आना,
पलाश के छोटे-छोटे फूलों को ले,
होली के लिए रंग बनाना,
नयी किताबें जब मिलें तो,
उन्हें जाकर सबको दिखाना,
कवर अगर कभी फट जाए तो,
रो-रोकर आँखें सुजाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

रबड़ अगर कभी ना मिले तो,
पूरे बैग में उथल-पुथल मचाना,
teacher जब कॉपी में लिखे “good”,
तो खुशियों के सागर में बह जाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

हर सन्डे को पोटली वाले बाबा,
और मोगली के संग टाइम बिताना,
monday को फिर स्कूल आकर,
उनके ही किस्से सुनाना,
भले ही सबको पता हो लेकिन,
मज़े लेकर फिर भी सुनते जाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

हर चॉकलेट बाँट के खाना,
हमेशा दोस्ती निभाने की कसमें खाना,
खेल के मैदान में हुडदंग मचाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

दादी-नानी की गोदी में बैठकर,
रात को परियों की कहानियाँ सुनना,
दादाजी के कन्धों पर बैठकर,
सन्डे को गली के चक्कर लगाना,
दोस्तों के संग कंचे खेलना,
हर साल बर्थडे पार्टी मनाना,
पार्टी के बाद उछल उछल कर,
अपने गिफ्ट को खोलके देखना,
अगर कभी कोई और खोलना चाहे,
तो उसको डांट कर भगाना,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

आज न जाने कहाँ चले गए,
सब एक दूसरे से बिछड़ गए,
कोई वतन में,कोई परदेसी,
बनके अपने ही जीवन में खो गए,
पर याद तो अभी भी करते हैं सब,
एक दूसरे से मिलने की आस रखते हैं सब,
क्यूँ की दिल में तो आज भी बचपन,
बनके याद बैठा है कहीं,
बस करना है गर तो याद उन्हें फिर,
दिल में जिनकी ख़ास जगह है,
बचपन के मेरे दोस्त॥

मोहित कुमार जैन
१०-०२-२०१०

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