● जीवन मर्यादित है और उसका जब अंत होगा तब इस लोक की कोई भी वस्तु साथ नही जाएगी
● फिर ऐसे में कंजूसी कर, पेट काट कर बचत क्यों की जाए ? आवश्यकतानुसार खर्च क्यों ना करें? जिन अच्छी बातों में आनंद मिलता है वे करनी ही चाहिएँ
● हमारे जाने के पश्चात क्या होगा, कौन क्या कहेगा, इसकी चिंता छोड़ दें, क्योंकि देह के पंचतत्व में विलीन होने के बाद कोई तारीफ करे या टीका टिप्पणी करे, क्या फर्क पड़ता है?
● उस समय जीवन का और मेहनत से कमाए हुए धन का आनंद लेने का वक्त निकल चुका होगा
● अपने बच्चों की जरूरत से अधिक फिक्र ना करें उन्हें अपना मार्ग स्वयं खोजने दें
अपना भविष्य उन्हें स्वयं बनाने दें। उनकी इच्छाओं, आकांक्षाओं और सपनों के गुलाम आप ना बनें
● बच्चों को प्रेम करें, उनकी परवरिश करें, उन्हें भेंट वस्तुएं भी दें, लेकिन कुछ आवश्यक खर्च स्वयं अपनी आकांक्षाओं पर भी करें
● जन्म से लेकर मृत्यु तक सिर्फ कष्ट करते रहना ही जीवन नही है: यह ध्यान रखें
● आप ६ दशक पूरे कर चुके हैं, अब जीवन और आरोग्य से खिलवाड़ करके पैसे कमाना अनुचित है क्योंकि अब इसके बाद पैसे खर्च करके भी आप आरोग्य खरीद नही सकते
● इस आयु में दो प्रश्न महत्वपूर्ण है: पैसा कमाने का कार्य कब बन्द करें और कितने पैसे से अब बचा हुआ जीवन सुरक्षित रूप से कट जाएगा
● आपके पास यदि हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन भी हो, तो भी पेट भरने के लिए कितना अनाज चाहिए? आपके पास अनेक मकान हों तो भी रात में सोने के लिए एक ही कमरा चाहिए
● एक दिन बिना आनंद के बीते तो, आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें
● एक और बात: यदि आप खिलाड़ी प्रवृत्ति के और खुश-मिजाज हैं तो बीमार होने पर भी बहुत जल्द स्वस्थ होंगे और यदि सदा प्रफुल्लित रहते हैं तो कभी बीमार ही नही होंगे
● सबसे महत्व- पूर्ण यह है कि अपने आसपास जो भी अच्छाई है, शुभ है, उदात्त है, उसका आनंद लें और उसे संभाल- कर रखें
● अपने मित्रों को कभी न भूलें। उनसे हमेशा अच्छे संबंध बनाकर रखें। अगर इसमें सफल हुए तो हमेशा दिल से युवा रहेंगे और सबके चहेते रहेंगे
● मित्र न हो, तो अकेले पड़ जाएंगे और यहअकेलापन बहुत भारी पड़ेगा
● इसलिए रोज व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क में रहें, हँसते-हँसाते रहें, एक दूसरे की तारीफ करें.जितनी आयु बची है उतनी आनंद में व्यतीत करें
● प्रेम व स्नेह मधुर है उसकी लज्जत का आनंद लें
● क्रोध घातक है: उसे हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दें
● संकट क्षणिक होते हैं, उनका सामना करें
● पर्वत-शिखर के परे जाकर सूर्य वापिस आ जाता है लेकिन दिल से दूर गए हुएप्रियजन वापिस नही आते
● रिश्तों को संभालकर रखें, सभी में आदर और प्रेम बाँटें। जीवन तो क्षणभंगुर है, कब खत्म होगा, पता भी नही चलेगा। इसलिए आनंद दें, आनंद लें
दोस्ती और दोस्त संभाल कर रखें
जितना हो सके उतने “गैट-टूगेदर
(Get-together) करते रहें