Month: October 2020

मनुष्य शरीर स्थित कुंडलिनी शक्ति में चक्रों की संख्या सर्वमान्य रूप से छ: ही है। इन चक्रों के विषय मेंअत्यंत महत्वपूर्ण एवं गोपनीय जानकारी यहां दी गई है। यह जानकारी शास्त्रीय, प्रामाणिक एवं तथ्यात्मक है- (1) मूलाधार चक्र- गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला ‘आधार चक्र’ है । आधार चक्र का हीएक दूसरा …

चक्रों में छुपा है इंसान का सर्वस्व Read More »

सबके जीवन में एक समस्या समान होती है। जीएं कैसे? हम कभी किसी को आदर्श बनाकर, उसके तरीकों को देखकर जीते हैं, फिर कुछ समय बाद हमारा आदर्श बदल जाता है। हम नया तरीका ढूंढऩे में लग जाते हैं। इसी ऊहापोह में हम वह खोते जा रहे हैं जो सबसे कीमती है, हमारा समय। सबसे …

कदम तो बढ़ाएं, मंजिल सामने है Read More »

आज का दौर क्षमता से ज्यादा काम और दूसरों से ज्यादा तेजी से करने का दौर है। आज हर स्थिति में सौ फीसदी काम करना जरूरी भी है और वक्त की मांग भी। आज के युवाओं के साथ एक समस्या यह भी है कि वे अपनी क्षमताओं से परिचित ही नहीं है। जो थोड़े से …

अगर आप सक्षम हैं तो व्यवहार कैसा हो, यह सीखें Read More »

भारत में प्रचीन समय से ही जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा थी। लेकिन आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के कारण डायनिंग टेबल पर खाना खाने की संस्कृति हमारे यहां बस चुकि है।हमारे पूर्वजो ने जो भी परंपरा बनाई थी उसके पीछे कोई गहरी सोच थी। इसलिए जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना …

क्यों बनी जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा? Read More »

हमारे जीवन में कई शब्द ऐसे गुजरते हैं जो होते तो सरल हैं लेकिन उनके अर्थ गहरे होते हैं। श्रीहनुमानचालीसा का प्रत्येक शब्द ऐसा ही है। हर शब्द में दर्शक, दिशा और व्यावहारिक जीवनशैली के संकेत हैं। तुलसीदास केवल कवि नहीं थे वे ऋषि होने के भाव को स्पर्श कर गए थे। जीवन जीने और …

हनुमान चालीसा सिखाती है लाइफ मैनेजमेंट Read More »

आजकल मीडिया के बीच में युवा वर्ग के आदर्श या प्रतिबिम्ब को लेकर ही बहस चलती रहती है| और मुझे हैरानी होती है देश के नासमझ मीडिया पर|किन बातों को ध्यान में रखकर कोई भी ऐरा-गैरा देश के करोड़ों युवाओं का प्रतिबिम्ब बन जाता है, या फिर मीडिया द्वारा ज़बरदस्ती बना दिया जाता है?? समझ …

कुछ समझ नहीं आता Read More »

लड़का हैंडसम होना चाहिए, ‘स्मार्ट’ तो फोन भी होते हैं। फोन तो आईफोन होना चाहिए, ‘S1, S2…S4’ तो ट्रेन के डिब्बे भी होते हैं। इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए, ‘छोटा’ तो भीम भी है। व्यक्ति को समझदार होना चाहिए, ‘सेंसटिव’ तो टूथपेस्ट भी है। टीचर ज्यादा नंबर देने वाला होना चाहिए, ‘अंडा’ तो मुर्गी …

Simply Awesome Read More »

आज चारों ओर जब देखता हूँ बड़े बड़े शहरों की जीवनशैली तो बस लगता है की क्या यह वास्तव में जीवन है या सिर्फ एक समझौता जो लोग कर रहे हैं अपनी आज़ाद ज़िन्दगी के साथ,कुछ कंक्रीट के जंगलों में रहने के लिए.अफ़सोस होता है उन लोगों पर जो मानव के आज़ाद और स्वछन्द व्यवहार …

कंक्रीट के जंगल Read More »

कुछ महीनो पहले क्रिकेट के भगवान् सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.कहते भी क्यूँ नहीं,जब भगवान् का दर्जा देने वाले भक्त ही भगवान् की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाने लग जाए तो एक आदर्श इश्वर-स्वरूपी को स्वयं को इस कीचड़ से अलग कर लेना ही चाहिए था और वैसा ही हुआ …

सचिन @ 40 Read More »

भारतीय रेल—-एक माध्यम जिसे आम आदमी अपनी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा मानता है|भारतीय रेल हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है,परन्तु जैसी आज कल की रेल व्यवस्था है उसे देखकर नहीं लगता की आम आदमी का विश्वास इस सबसे महत्वपूर्ण साधन में अधिक रहा है|मैं खुद रेलगाड़ी में ही सफ़र करता हूँ और अधिकतर …

भारतीय रेल Read More »