पल भर में तमाम उम्र की सोचें बदल जाती हैं,जिन राहों पे चलते हैं,वो राहें बदल जाती हैं,करने को क्या नहीं करते लोग मोहब्बत में,सिर्फ हमारे लिए ही क्यूँ रस्में बदल जाती हैं,वो ऐसी है की उसका नाम सुन ने के तसव्वुर से ही,हमारी तमाम हसरतें बदल जाती हैं,सोचता हूँ जाने कैसे कह पाऊंगा मैं …
Month: October 2020
मुझे बस इतना कहना है कभी मैं याद आऊं तोकभी तन्हाई की रातें , तुम्हें ज्यादा सतायें तोकभी तित्तली ना बोले तो , और जुगनू लौट जायें तोकभी जब दिल भी भर जाये , कोई ना सुन ना पाये तोकभी जब दोस्त साथी जो तुम से रूठ जायें तोकभी जब खुद से लड़ कर थकन …
न मै दीवाना कहती हूँ न तो पागल समझती हूँतेरी यादो को इन पैरों की अब पायल समझती हूँहमारे दिल की दूरी घट नहीं सकती कभी क्यूंकिन तुम मुझको समझते हो न मै तुमको समझती हूँ मोहब्बत एक धोका है मोहब्बत एक फ़साना हैमोहब्बत सिर्फ ज़ज्बातों का झूठा कारखाना हैबहुत रोई हैं ये आँखें मोहब्बत …
अमावास की काली रातों में दिल कुछ भर सा जाता हैजाने हर रात कलेजे में एक दर्द ठहर सा जाता हैआवाजें सब चुप रहती हैं, सन्नाटे चिल्लाते हैंरोशनदानो के रस्ते अन्दर, स्याह अँधेरे आते हैंतन्हाई का हर लम्हा, सदियों सा लम्बा लगता हैजिन्दा हूँ पर जीने का, एहसास अचम्भा लगता हैऐसे में फिर यादों में …
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता हैमगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है, मैं तुझसे दूर कैसा हुँ तू मुझसे दूर कैसी हैये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है !!! समुँदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकताये आसुँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता ,मेरी …
1. दिलों में तुम अपनी बेताबियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,नज़र में ख़्वाबों की बिजलियाँ लेके चल रहे हो तो जिंदा हो तुम,हवा के झोंकों के जैसे आज़ाद रहना सीखो,तुम एक दरिया के जैसे लहरों में बहना सीखो,हर एक लम्हे से तुम मिलो खोल के अपनी बाहें,हर एक पल एक नया समाँ …
जावेद अख्तर की रचनाएँ (फिल्म “ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा” से ली गयी पंक्तियाँ..) Read More »
लफ्ज़-दर-लफ्ज़ यह किताब पढना चाहता हूँ,मैं तुम्हारी नज़र का हर ख्वाब पढना चाहता हूँ, जिनके माथे पे अंधेरों ने लिखी है तहरीर,उनके चेहरों पे अफताब पढना चाहता हूँ, महल के पाँव ने कुचला जिनको सदियों से,उनकी आँखों में इंक़लाब पढना चाहता हूँ, जिसको लिखा है गरीबों के खून से बनिये ने,सूद दर सूद वो हिसाब …
ये दिल बहुत मासूम है,न खेलो इसकी मासूमियत से,ये दिल बहुत नाज़ुक है,न तोड़ो इसको फूल समझ के,ये दिल बहुत रंगीन है,न बदलो इसके रंग किसी से,बाँट सको तो बाँटो तुम,इस दिल के दुःख-दर्द को,जोड़ सको तो जोड़ो तुम,इस दिल के टुकड़ों को….
आँखों ही आँखों में कुछ,इशारे-इशारे होने दो,मौन शब्द होठों में,जो बात है दिल में,एहसास प्यार का होने दो,कुछ न कहो आज,ख़ामोशी को कुछ कहने दो… चांदनी रात सुहानी,मदभरी हवा को गाने दो,दो दिल मिल रहे,साँसों में साँस घुलने दो,पल ये थमने दो,कुछ न कहो आज,ख़ामोशी को कुछ कहने दो… होठों को छूके हलके से,प्यार की …
चल रहा हूँ बस चुपचाप चल रहा हूँ,थका नहीं,रुका नहीं बस चल रहा हूँ,दूर किसी क्षितिज सा दीखता रहता है मेरा सुख,जब भी जितना भी उसके करीब होता हूँ,वो फिर उतना ही दूर होता जाता है,अब तो आलम ये है की ये भी पता नहीं,किसके किता करीब और अपने से कितना दूर हो गया हूँ,जल …