पलकें ज़रा उठा कर एक बार देखिये,थोडा सा मुस्कुरा कर एक बार देखिये,ए हुस्न-की-मल्लिका,अँधेरा है चारों ओर,इसीलिए रुख से नकाब उठा कर एक बार देखिये,छुपने लगा है चाँद घटाओं कि ओट में,जुल्फें ज़रा हटा कर एक बार देखिये,बजने लगेंगे जलतरंग इस कायनात में,कोई गीत गुनगुना कर एक बार देखिये,दे देंगे जान आपके क़दमों में हम …
Month: October 2020
तेरी याद आये तो मैं क्या करूँ,तुझ बिन करार ना आये तो मैं क्या करूँ,जागते में भी तुझ को सोचूं,सोते में भी तेरे ही ख्वाब आयें तो मैं क्या करूँ,तुझे भूलने कि लाख करता हूँ कोशिश,आँखों से तेरी सूरत ना जाए तो मैं क्या करूँ,तेरे पास आना चाहता हूँ मैं,ज़माना दीवार बन जाए तो मैं …
क्यूँ दूर होकर भी,कोई दिल के पास होता है,दिल के पास होकर भी,क्यूँ उसका इंतज़ार रहता है,यह कैसा दर्द है,जो मीठा सा लगता है,महफ़िल में हूँ,मगर मुझे तन्हा सा लगता है,क्यूँ हम हर पल,उनके ख्यालों में खोये रहते है,उनके ही ख्यालों से अपनी दुनिया सजाये रहते हैं,क्यूँ लगता है,हम उनके बिना अधूरे हैं,मिल जाएँ अगर …
सोच लेना कदम बढाने से पहले,कहीं खो ना जाओ मंजिल आने से पहले,ख़ास किसी दोस्त से महरूम हो ना जाओ कहीं,यह सोच लेना उसे आजमाने से पहले,तुम्हारे सीने में भी धड़कता है एक दिल,यह सोच लेना किसी का दिल दुखाने से पहले,उम्र भर कौन किसी के लिए रोता है,लोग सिर्फ आंसू बहाते हैं दफनाने से …
मेरी दुनिया में हो जाएँ यह सारी रौनकें,बस उनका ही नाम लेती हैं यह सारी रौनकें,मेरे आँगन में जो जलाता है दिए प्यार के,उसी के दम से मुस्कुराती हैं यह सारी रौनकें,जिस के क़दमों कि धनक से ही गलियाँ हँस पड़ी,उसकी खुशबू से महकती हैं यह सारी रौनकें,बेशकीमती ज़िन्दगी का सरमाया है वोह,जिस का हँस …
कोई पूछे तुमसे कौन हूँ मैं ,तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ………….एक दोस्त है सच्चा-सच्चा सा,एक ख्वाब है कच्चा पक्का सा, जीवन कि आप-धापी में,जो साथ निभाए निश्चल मन से,अवचेतन मन में मेरे समाया,एक ख्याल है कोई अपना सा,कोई पूछे तुमसे कौन हूँ मैं ,तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ……………. जब शाम ढले …
तुम मिले तो खिले गुलाब खिज़ाओं में,माँगा था तुम्हे हमने दिन-रात अपनी दुआओं में,चाहत है तुम्हारी,करते हैं तुम्हारी पूजा,मूरत बनके बसे हो तुम मेरी सूनी निगाहों में,रहता है हरदम दिल को ख्याल तुम्हारा,खुशबू से बसे हो तुम साँसों कि फिजाओं में,लबों पर नाम तुम्हारा, धडकनों को आरज़ू तुम्हारी,तेरी महक ही रची-बसी है अब इन शोख …
मंदिर में मन के जैसे तू ही रहती बनके मूरत है,आईने के सामने खड़े होकर,जैसे नज़र आती बस तेरी सूरत है,मेरी ज़िन्दगी में एक बहार बनके आओ,और महका दो इसे जैसे बगिया में खिला कोई फूल हो,और कर दो पावन अपने स्पर्श से मेरे इस अधूरे से जीवन को,कभी भँवरा बनकर,कभी रसिया बनकर,जो ना पा …
जी रहे हैं सभी यहाँ,इक उधार की ज़िन्दगीखूंटे पे टंगे उस पुराने कोट की तरह,तार-तार सी ज़िन्दगी उम्मीदों के बादल पर सवार,मगर सपनों की बारिश कि आस नहीं दिल में,ऐसी जी रहे हैं सभी,बिना ऐतबार की ज़िन्दगी, खुदा से आस लगाये हुए,मगर भरोसे के दीपक को बुझा,हर कोई जी रहा है अपनी ज़िन्दगी,जैसे हो ये …
उन्हें सोचकर ख्यालों में,एक रौनक चेहरे पर आती है,वो ऐसी होंगी,वो वैसी होंगी,बस यही सोच सोच कर,अब तो दीवाने दिल कि धडकनें बढती जाती हैं, कभी ख्वाबों का हिस्सा थीं जो,वो अब मुकम्मल होने वाली हैं,मेरी ज़िन्दगी में आकर,वो उसे सजाने वाली हैं, अभी से इतना बेचैन हूँ मैं,ना जाने उस पल क्या होगा,जब सारी …
