Month: October 2020

सच को लफ़्ज़ों की दरकार नही होती,तुमने सर हिला दिया मुझे यकीं हो गया.. जब कभी भी दुआ के लिए उठे मेरे हाथ,सबसे पहले जुबान पर तेरा ही नाम आया… हम भूल नहीं सकते कभी वो लम्हें सुहानेंआहिस्ते से जब थामा था तुमने हाथ हमारा…. उसे मगरूर कहु या मासूम,अच्छे तो वो मुझे आज भी …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—27 Read More »

नफरत तुम कभी ना करना हमसे,हम ये सह नहीं पायेंगे,एक बार बस कह देना हमसे की ज़रुरत नहीं तुम्हारी,हम आपकी दुनिया से हँस कर चले जायेंगे.. कल एक शख्स की मौत का अजब किस्सा सुना मैंने,ए दोस्तों,कहते हैं की यादों के बोझ तले दब के मर गया,,, हम जब भी गुज़रते हैं उस गली से …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—26 Read More »

हकीकत समझो या अफसाना,बेगाना कहो या दीवाना,सुनो इस दिल का फ़साना,तेरे प्यार में ही है मेरे जीने का बहाना… ए दोस्त ज़िन्दगी भर हमसे दोस्ती निभाना,दिल की कोई बात हमसे ना कभी छुपाना,साथ चलना मेरे तुम सुख-दुःख में,भटक जाऊं मैं कहीं तो सही रास्ता भी दिखाना… इस कदर हम यारों को मनाने निकले,उसकी चाहत में …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—25 Read More »

समझ नहीं आती मोहब्बत की कहानी क्या है ?सजदा खुदा का करके लोग ,मांगते इंसान को है .. मुद्दत से आरज़ू थी…. इस दिल को हमसफ़र की,रहनुमा बन कर आ गए…… बड़ी बंदगी के साथ… देखा नही तुमने शायद जमाने के मिजाज को।ये वफा -वफा कहने वाले अकसर बेवफा होते हैं…. दिलों में इतनी ज्यादा …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—24 Read More »

कीमत पानी की नहीं, प्यास की होती है;कीमत मौत की नहीं, सांस की होती है;प्यार तो बहुत करते हैं दुनिया में;पर कीमत प्यार की नहीं विश्वास को होती है। नज़र चाहती है दीदार करना;दिल चाहता है प्यार करना;क्या बताऊं इस दिल का आलम;नसीब में लिखा है इंतजार करना। इंतज़ार की आरजू अब खो गई है;खामोशियों …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—23 Read More »

नासूर मेरी पीठ पर दस्तखत हैं दोस्तों के,सलामत है सीना अभी दुश्मनों के इंतजार में… उसकी निगाहों में इतना असर थाखरीद ली उसने एक नज़र में ज़िन्दगी मेरी… तेरी यादो के ये जखम मिले हमे !के अभी स़भले ही थे की फिर गिर पडे राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर,कितनी खामोश मोहब्बत की …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—22 Read More »

बड़ी गुस्ताखियाँ मेरा दिल करने लगा है मुझसे,ये कबसे तेरा हुआ है मेरी सुनता ही नहीं है… आईने जब देखा हमने चेहरा अपना,टूट कर उसने भी मेरा दर्द बता दिया… देखी है उसकी आँख में पहली बार नमी,यूँ लगा की जैसे समंदर उदास है… करो सितम कितने भी तुम मगर,दिल में धड़कन तुम्हारे नाम की …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—21 Read More »

मुमकिन है अब तुम से बात न हो,मुमकिन है अब तुमसे मुलाक़ात न हो,मेरी यादों को दिल में रखना ए दोस्त,मुमकिन है कल हम पास हो न हो… उससे कहना मज़े में हैं हम,बस ज़रा यादें सताती है,उसकी दूरी का गम नहीं मुझे,बस ज़रा आँखें भीग जाती है,उसको बस इतना बता देना,इतना आसान नहीं है …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—20 Read More »

मुरादों की मंजिल के सपनो मैं खोएमोहब्बत की राहों पे हम चल पड़े थे,जरा दूर चल के जब आँख खुली तोकड़ी धूप में हम अकेले खड़े थे… उनकी गलियों से जब गुज़रे तो मंज़र अजीब था,दर्द था मगर वो दिल के करीब था,जिसे हम ढूंढते थे अपनी हाथों की लकीरों में,वो किसी दूसरे की किस्मत, …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—18 Read More »

बैठे हुए हैं सामने एक दूसरे के हम,वो दिल लिए हुए हैं हम तमन्ना लिए हुए… हर तरफ राह मैं थे कांटे बिछे हुए,मुझ को तेरी तलब थी, गुज़रते चले गए… दिल को उसकी हसरत से खफा कैसे करूँ,अपने रब को भूल जाने कि खता कैसे करूँ,लहू बनकर रग रग में बस गए हैं वो,लहू …

महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी—17 Read More »