महफ़िल-ए-शेर-ओ-शायरी…..भाग ९

आज हर एक पल खूबसूरत है,
यादों में आपकी ही सूरत है,
कुछ भी कहें यह दुनिया वाले ग़म नहीं,
दुनिया से ज्यादा हमको आपकी ज़रुरत है….

हर सपने को अपनी साँसों में रखो,
हर मंजिल को अपनी बाहों में रखो,
हर जीत आपकी है बस,
अपने लक्ष्य को अपनी निगाहों में रखो…

खुशबू माँगी थी खुदा से,
वो हमें लाजवाब फूल थमा गए,
थोड़ी ख़ुशी मांगी जो दुआ में,
तो आपसे मिला कर वो हमें खुशनसीब बना गए..

दिल में आपकी हर बात रहेगी,
जगह छोटी है पर आबाद रहेगी,
चाहे हम भुला दें ज़माने को,
पर आपकी यह प्यारी सी दोस्ती हमेशा याद रहेगी…

वफ़ा कि उम्मीद तब तक ना कीजिये,
जब तक किसी से वफ़ा ना कीजिये…

साहिल कि तमन्ना किसे नहीं होती,
पर सागर का सफ़र भी ख़ास होता है…

कब्र बन गया है मेरे इश्क का महल,
इन्ही खंडहरों में मुझे फिर भी सुकून मिलता है…

कुछ पहले से ही बदनाम थे हम,
बाकी तेरी आरज़ू ने तबाह कर दिया…….

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