तेरी कमी…

तेरी तस्वीर को जबसे सीने से लगा रखा है,
तेरी कसम सारी दुनिया को भुला रखा है,
तुझको एहसास न होगा मेरे जूनून का ए सनम,
की तेरे नक़्शे कदम पर सर को झुका रखा है,
जिस दिन से तुम मुझ से जुदा हुए हो जानेजां,
सारी दुनिया से हमने दामन बचा रखा है,
पहले पीते थे कभी तेरी मस्त आँखों से हम,
अब तो सुबह-शाम हाथों में जाम उठा रखा है,
उम्मीदों की दहलीज पर बिछड़ने के बावजूद,
एक चिराग मिलन की आस में जला रखा है,
लौट भी आते हैं जाने वाले कभी-कभी जानेमन,
यही सोचकर तेरी राहों में पलकों को बिछा रखा है॥

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