तुम मिले…………

तुम मिले तो खिले गुलाब खिज़ाओं में,
माँगा था तुम्हे हमने दिन-रात अपनी दुआओं में,
चाहत है तुम्हारी,करते हैं तुम्हारी पूजा,
मूरत बनके बसे हो तुम मेरी सूनी निगाहों में,
रहता है हरदम दिल को ख्याल तुम्हारा,
खुशबू से बसे हो तुम साँसों कि फिजाओं में,
लबों पर नाम तुम्हारा, धडकनों को आरज़ू तुम्हारी,
तेरी महक ही रची-बसी है अब इन शोख हवाओं में….

कवि :-मोहित कुमार जैन

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