सूरत भी है,खुबसूरत भी है,
और हर दिल की वो ज़रूरत भी है,
वो शरमाती भी है और घबराती भी है,
और दिल में जज़बातों को छुपाती भी है,
कभी धूप है,कभी छाँव है,
कभी आग है,कभी पानी है,
कभी दोस्त है,कभी बहन है,
या कभी धड़कते दिल की कहानी है,
जिस रिश्ते को भी निभाये,उसे निभाये पूरे मन से,
जीती है वो दूसरों के लिए,पर खुद की एक ज़िंदगानी भी है,
जिस मन को छू ले वो, उस मन को वो पावन कर दे,
ऐसी है वो आज की भारतीय नारी,
जो हर घर की शोभा,और हर घर की ‘रानी’ भी है।