कोई रास्ता नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नहीं खुदा के सिवा,
मैंने भी ज़िन्दगी को करीब से देखा है,
मुश्किल में कोई साथ नहीं देता आँसू के सिवा…
तेरी आरज़ू में हमने बहारों को देखा,
तेरे ख्यालों में हमने सितारों को देखा,
हमें पसंद था बस आपका साथ,
वर्ण इन आँखों ने तो हज़ारों को देखा…
ये तेरी बाहें जब हमें,
अपनी पनाहों में बुलाती हैं,
हमें अपनी कसम हम,
हर सहारा भूल जाते हैं…
दिल कि किताब का पन्ना चुरा ले गए तुम,
आँखों से नींद उड़ा ले गए तुम,
किसी कि याद में तड़पने कि आदत नहीं थी मुझे,
अपनी यादों में तड़पना सिखा गए तुम…
मंदिर जाकर भगवान् नहीं मिला,
भजन-कीर्तन से ज्ञान अन्हीं मिला,
लोग तो पत्थरों को इसलिए पूजते हैं,
क्यूंकि विश्वास के लायक कोई इंसान नहीं मिला…