शायरी(२३-०१-२०१४)

दोस्त वो है जो अपना मान सके,
बिन कहे दिल कि बात जान सके,
चल रहे हों भरी बरसात में तो,
चेहरे पे पानी कि बूंदों में आँसू पहचान सके…

भरने लगे थे ज़ख्म तेरी यादों के मगर,
फिर आज दोस्तों ने तेरी बात छेड़ दी…

सुना हैं, जिन्दगी प्यार के बिना अधरी सी हैं।
बिना प्यार के जीना भी हमारी मजबूरी है।
अपनी तो कुछ किस्मत ही ऐसी है,
जिस जिस को करा प्यार हमने।
उनका हमे छोड़ कर जाना भी एक मजबूरी है….

तनहा दिल जब होगा,आपको आवाज़ दिया करेंगे,
रात को सितारों से आपका ज़िक्र किया करेंगे,
आप आयें या ना आयें हमारे ख़्वाबों में,
हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे…

दरिया वफाओं का कभी रुकता नहीं,
मोहब्बत में इंसान कभी झुकता नइहन,
खामोश हैं हम उनकी ख़ुशी के लिए,
और वो समझ बैठे हैं कि दिल हमारा कभी दुखता नहीं…

पास मेरे वो हों तो सब कुछ है,
बिन उनके तन्हाई भी हमें तन्हा कर देती है…

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