शायरी(१९-०७-२०१४)

ज़ख्म जब मेरे सीने के भर जाएंगे,
आंसू भी मोती बनकर बिखर जाएंगे,
ये न पूछना किस किस ने दर्द दिया,
वरना कुछ अपनों के भी चेहरे उतर जायेंगे…

तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है,
तेरी हर मुस्कान से मिली मुझे ख़ुशी है,
मुस्कुराते रहना इसी तरह हमेशा,
क्यूंकि तेरी इस मुस्कान में मेरी जान बसी है…

देखते हैं हम आज उस रात की वीरानियाँ,
यारों के संग जहां काटी हमने ज़िन्दगानियाँ…
गुज़र गया वो दौर,बिछड़ गए वो सब दोस्त,
साथ रह गयी तो उन लम्हों की कहानियां…

कुछ लम्हे और तुम्हारे साथ चाहते हैं,
आँखों में थमी वो बरसात चाहते हैं,
जानते हैं की बहुत चाहते हो तुम भी हमें,
मगर तुम्हारी जुबां से सुनना हम ये एक बार चाहते हैं…

लम्हे जुदाई के हमें बेक़रार करते हैं,
हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं,
आँखें मेरी पढ़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहें की हम तुमसे प्यार करते हैं…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *