छोटी सी ज़िन्दगी है,
हर बात में खुश रहो,
जो चेहरा पास ना हो,
उसकी आवाज़ में खुश रहो,
कोई रूठा हुआ हो तुमसे,
तो उसके इस अंदाज़ में खुश रहो,
जो लौट के नहीं आने वाले,
उन लम्हों कि याद में खुश रहो,
कल किसने देखा है,
तुम अपने आज में खुश रहो,
खुशियों का इंतज़ार किसलिए,
दूसरों कि मुस्कान में खुश रहो,
क्यूँ तड़पते हो हर पल किसी के साथ को,
कभी तो अपने आप में खुश रहो,
चाहे दुनिया अच्छा कहे या बुरा,क्या फ़र्क़ पड़ता है,कहने दो,
छोटी सी तो ज़िन्दगी है,हर हाल में खुश रहो…