कुछ अनकही शायरियाँ………भाग 8

बनाने वाले ने भी तुझे,
किसी कारण से बनाया होगा,
छोड़ा होगा जब ज़मीन पर तुझे,
उसके सीने में भी दर्द तो आया होगा….

अपना तो चाहतों में यही उसूल है,
जब तू क़ुबूल है,तो तेरा सब कुछ क़ुबूल है…

आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो,
जान तो नहीं हमारी पर जान से प्यारी हो,
दूरियों के होने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता,
आप कल भी हमारी थी,आप आज भी हमारी हो…

इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना,
कि तेरी चाहतों से चलती हैं मेरी साँसें..

तेरे चेहरे में मेरा नूर होगा,
फिर ये दिल ना कभी तुझसे दूर होगा,
सोच क्या ख़ुशी मिलेगी जान उस पल,
जब तेरी माँग में मेरे नाम का सिन्दूर होगा…

इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया,
हर ख़ुशी से हमें अनजान कर दिया,
हमने तो कभी नहीं चाहा के हमें भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप कि एक नज़र ने हमें नीलाम कर दिया….

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