होश संभाला है जब से मैंने,
दुनिया को बदलते देखा है बस इक तेरा वजूद ही है मां,
जो अब भी पहले जैसा है।
जिसकी आंखों में भरी है ममता
मुझे याद है आज भी वो पुलिया
जहां बैठ हम राह तेरी थे तकते
दूर से तेरी इक झलक पाकर
धरती भी जन्नत सी लगती थी हमें
कोने में टोकरी के पड़े वो जामुन..
अब तेरे बालों में सफेदी आ गई
पर दुनिया के तपते थपेड़ों को झेलकर
मिलती है छाया अब भी तेरे आंचल ही में
ईश्वर से है एक ये ही फरियाद
कि मां का बना रहे सदा हम पर आशीर्वाद